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करते रहो प्रयास (दोहे)

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1. करते करते ही सदा, होता है अभ्यास ।     नित नूतन संकल्प से, करते रहो प्रयास।। 2. मन से कभी न हारना, करते रहो प्रयास ।   सपने होंगे पूर्ण सब, रखना मन में आस ।। 3. ठोकर से डरना नहीं, गिरकर उठते वीर ।   करते रहो प्रयास नित, रखना मन मे धीर ।। 4. पथबाधा को देखकर, होना नहीं उदास ।    सच्ची निष्ठा से सदा, करते रहो प्रयास ।। 5. प्रभु सुमिरन करके सदा, करते रहो प्रयास ।    सच्चे मन कोशिश करो, मंजिल आती पास ।। हार्दिक अभिनंदन🙏 पढ़िए एक और रचना निम्न लिंक पर उत्तराखंड में मधुमास (दोहे)

धन्य-धन्य कोदंड (कुण्डलिया छंद)

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💐 विजयादशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं💐 पुरुषोत्तम श्रीराम का, धनुष हुआ कोदंड । शर निकले जब चाप से, करते रोर प्रचंड ।। करते रोर प्रचंड, शत्रुदल थर थर काँपे। सुनकर के टंकार, विकल हो बल को भाँपे ।। कहे सुधा कर जोरि, कर्म निष्काम नरोत्तम । सर्वशक्तिमय राम,  मर्यादा पुरुषोत्तम ।। अति गर्वित कोदंड है,  सज काँधे श्रीराम । हुआ अलौकिक बाँस भी, करता शत्रु तमाम ।। करता शत्रु तमाम, साथ प्रभुजी का पाया । कर भीषण टंकार, सिंधु का दर्प घटाया ।। धन्य धन्य कोदंड, धारते जिसे अवधपति । धन्य दण्डकारण्य, सदा से हो गर्वित अति । सादर अभिनंदन 🙏🙏 पढ़िए प्रभु श्रीराम पर एक और रचना मनहरण घनाक्षरी छंद में ●  आज प्राण प्रतिष्ठा का दिन है

शारदीय नवरात्र का ,आया पावन पर्व (दोहे)

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  1. शारदीय नवरात्र का, आया पावन पर्व ।        नवदुर्गा नौरूप की, गाते महिमा सर्व ।। 2. नौ दिन के नवरात्र का , करते जो उपवास ।        नवदुर्गा माता सदा , पूरण करती आस ।। 3. जगराते में हैं सजे, माता के दरबार ।      गूँज रही दरबार में, माँ की जय जयकार ।। 4. माता के नवरूप का, पूजन करते लोग ।      सप्तसती के पाठ से, बनें सुखद संयोग ।। 5. संकटहरणी माँ सदा, करती संकट दूर ।      घर घर खुशहाली रहे, धन दौलत भरपूर ।। 6. शारदीय नवरात्र की, महिमा अपरम्पार ।    विधिवत पूजन कर सदा, मिलती खुशी अपार ।। हार्दिक अभिनंदन आपका🙏 पढ़िए एक और रचना कुण्डलिया छंद में ●  व्रती रह पूजन करते

श्राद्ध में करें तर्पण (मनहरण घनाक्षरी)

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  श्राद्ध में करें तर्पण, श्रद्धा मन से अर्पण, पितरों को याद कर, पूजन कराइये । ब्राह्मण करायें भोज, उन्नति मिलेगी रोज, दान, दक्षिणा, सम्मान, शीष भी नवाइये । पिण्डदान का विधान, पितृदेव हैं महान, बैतरणी करें पार  गयाजी तो जाइये । तर्पण से होगी मुक्ति, श्राद्ध है पावन युक्ति, पितृलोक से उद्धार, स्वर्ग पहुँचाइये । पितृदेव हैं महान, श्राद्ध में हो पिण्डदान, जवा, तिल, कुश जल, अर्पण कराइये । श्राद्ध में जिमावे काग, श्रद्धा मन अनुराग, निभा सनातन रीत, पितर मनाइये । पितर आशीष मिले वंश खूब फूले फले , सुख समृद्धि संग, खुशियाँ भी पाइये । सेवा करें बृद्ध जन, बात सुने पूर्ण मन, विधि का विधान जान, रीतियाँ निभाइये । हार्दिक अभिनंदन🙏 पढ़िए एक और मनहरण घनाक्षरी छंद ●  प्रभु फिर आइए

शिक्षक दिवस (दोहे)

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    🙏सभी गुरुजनों को सादर प्रणाम 🙏 💐शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 💐 शिक्षक शिक्षा दे रहे, गुरु देते हैं ज्ञान । शिक्षा के उत्थान से, ज्ञानी बने महान ।। शिक्षक पुंज प्रकाश के, गुरु दिखलाते राह । विश्वजीत बनते वही, अंतर मिलती थाह ।। सद्गुरु का ले आसरा , पायें अंतर ज्ञान । अनुशासित जीवन जिएं, मिले तभी सम्मान ।। शिक्षक भी संज्ञान लें, डिजिटल युग है आज । पोथी अब लिखते नहीं ,कम्प्यूटर पर काज ।। शिक्षक भी संज्ञान लें , बड़े चतुर हैं छात्र । अनुशासित जीवन करें, केवल शिक्षण मात्र ।। सादर आभार आपका 🙏 पढ़िए गुरु की महिमा पर आधारित एक और रचना ●  ज्ञान के भंडार गुरुवर

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